कोई भी ग्रह जन्म कुंडली में स्थिति के अनुसार तीन तरह से फल देता है। सबसे पहला फल अपने कारकत्व का है जैसे सूर्य स्वाभिमान और पद प्रतिष्ठा,हड्डियों की स्थिति, पिता का सुख,दिल का, चंदर मानसिक शांति, घर में शांति, माता का सुख, बुध वाणी,बुद्धि का, चंचलता, स्किन की क्वालिटी, नसों की स्थिति, मंगल साहस, प्रॉपर्टी, खून की क्वालिटी, पित रोग, शरीर में कैल्शियम, गुरु ज्ञान का, चर्बी का,कफ रोग, लीवर का, संतान का, शुक्र सुख साधन, सौंदर्य प्रेम, विलासिता, शनि कर्म,न्याय का, मशीनरी का, वायु रोगों का, ग्रह है तो यह बातें में ग्रह अपनी स्थिति के अनुसार मित्र राशि, शत्रु राशि, स्वराशि, उच्च राशि, नीच राशि, नक्षत्र स्थिति के अनुसार फल देना ही होगा। दूसरी स्थिति है कि लगन के अनुसार ग्रह किन भावों का स्वामी है तो अगर अच्छे भावों का स्वामी मित्र अथवा स्वराशि, अपनी उच्च राशि और नवांश में स्थिति के अनुसार शुभ है तो जिन भावों का स्वामी है उनके फल भी अच्छे होंगे और जिन बातों का कारकट्व मिला है उनका फल भी अच्छा होगा। लेकिन अगर ग्रह लगन का शत्रु है और बली है तो जिन भावों का स्वामी है उनमें ज्यादा परेशानी देगा, लेकिन जिन का नेचुरल कारकतवा मिला है वो फल पूरे मिलेंगे। लेकिन अगर लगन का शत्रु है और कुंडली में कमजोर भी है तो जिन भावों का स्वामी है उनके फल कम परेशानी करेंगे लेकिन जिन चीजों का कुदरती कारकटव मिला है उनमें देरी अथवा कमी होगी। Jyotish Aacharya . Dr Umashankar mishr Siddhivinayak Jyotish AVN vastu anusandhan Kendra vibhav Khand tu Gomti Nagar Lucknow 9415 087 711