✳ Siddhivinayak Jyotish AVN Vastu Anusandhan Kendra Vibhav khand 2 Gomti Nagar Lucknow ✳
तू जिंदगी को जी,
उसे समझने की कोशिश ना कर।
चलते वक़्त के साथ तू भी चल,
वक्त को बदलने की कोशिश न कर..
दिल खोल कर साँस ले,
अंदर ही अंदर घुटने की कोशिश न कर..
कुछ बाते भगवान् पर छोड़ दे,
सब कुछ खुद सुलझाने की कोशिश न कर...
विश्वास, आस्था, और श्रद्धा से जो तुझे मिलेगा वो तेरी मनोकामना se Adhik hoga
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Jyotish Aacharya Dr Umashankar Mishra 94150 8771 1 92 357 22996
मोर पंख से समस्याओ का निदान
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दोस्तों,
तन्त्र साधना मै मोर पंख का अधिक महत्व बताया गया हैं । मोर पंख को पवित्र बताया गया हैं । उसके कुछ प्रयोग aaj main Jyotish Aacharya Dr Umashankar Mishra Siddhivinayak Jyotish AVN Vastu Anusandhan Kendra मे बता रहा हूँ ।
घर के दक्षिण-पूर्व कोण में लगाने से बरकत बढती है. व अचानक कष्ट नहीं आता है.
घर मै यदि मोर का एक पंख किसी मंदिर में श्री राधा-कृष्ण कि मूर्ती के मुकुट में ४० दिन के लिए स्थापित कर प्रतिदिन मक्खन-मिश्री का भोग सांयकाल को लगाए, ४१वें दिन उसी मोर के पंख को मंदिर से दक्षिणा-भोग दे कर घर लाकर अपने खजाने या लाकर्स में स्थापित करें. तो आप स्वयं ही अनुभव करेंगे कि धन,सुख-शान्ति कि वृद्धि हो रही है. सभी रुके कार्य भी इस प्रयोग के कारण बनते जा रहे है.
मोर के पंख काल सर्प दोष दूर करने कीं अद्भुत क्षमता है.काल-सर्प वाले व्यक्ति को अपने तकिये के खौल के अंदर 7 मोर के पंख सोमवार रात्री काल में डालें तथा प्रतिदिन इसी तकिये का प्रयोग करे. और अपने बैड रूम की पश्चिम दीवार पर मोर के पंख का पंखा जिसमे कम से कम 11 मोर के पंख तो हों लगा देने से काल सर्प दोष के कारण आयी बाधा दूर होती है.
यदि आपका छोटा बच्चा जिद्दी हो तो मोर पंख को छत के पंखे के पंखों पर लगा दे ताकि पंखा चलने पर मोर के पंखो की भी हवा बच्चे को लगे धीरे-धीरे हठ व जिद्द कम होती जायेगी.
मोर व सर्प में शत्रुता है अर्थात सर्प, शनि तथा राहू के संयोग से बनता है. यदि मोर का पंख घर के पूर्वी और उत्तर-पश्चिम दीवार में या अपनी जेब व डायरी में रखा हो तो राहू का दोष कभी भी नहीं परेशान करता है. तथा घर में सर्प, मच्छर, बिच्छू आदि विषेलें जंतुओं का भय नहीं रहता है.
नवजात बालक के सिर की तरफ दिन-रात एक मोर का पंख चांदी के ताबीज में डाल कर रखने से बालक डरता नहीं है तथा कोई भी नजर दोष और अला-बला से बचा रहता है.
यदि शत्रु अधिक तंग कर रहें हो तो मोर के पंख पर हनुमान जी के मस्तक के सिन्दूर से मंगलवार या शनिवार रात्री में उसका नाम लिख कर अपने घर के मंदिर में रात भर रखें प्रातःकाल उठकर बिना नहाये धोए चलते पानी में बहा देने से शत्रु, शत्रुता छोड़ कर मित्रता का व्यवहार करने लगता है.
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