योग की कुछ जानकारी जिसका ज्ञान सबको होना चाहिए
Jyotish Aacharya. Dr Umashankar mishr 9415 087711
1. योग, भोग और रोग ये तीन अवस्थाएं है।
2. लकवा - सोडियम की कमी के कारण होता है।
3. हाई वी पी में - स्नान व सोने से पूर्व एक गिलास जल का सेवन करें तथा स्नान करते समय थोड़ा सा नमक पानी मे डालकर स्नान करे।
4. लो बी पी - सेंधा नमक डालकर पानी पीयें।
5. कूबड़ निकलना- फास्फोरस की कमी।
6. कफ - फास्फोरस की कमी से कफ बिगड़ता है, फास्फोरस की पूर्ति हेतु आर्सेनिक की उपस्थिति जरुरी है। गुड व शहद खाएं।
7. दमा, अस्थमा - सल्फर की कमी।
8. सिजेरियन आपरेशन - आयरन , कैल्शियम की कमी।
9. सभी क्षारीय वस्तुएं दिन डूबने के बाद खायें।
10. अम्लीय वस्तुएं व फल दिन डूबने से पहले खायें।
11. जम्भाई- शरीर में आक्सीजन की कमी।
12. जुकाम - जो प्रातः काल जूस पीते हैं वो उस में काला नमक व अदरक डालकर पिये।
13. ताम्बे का पानी - प्रातः खड़े होकर नंगे पाँव पानी ना पियें।
14. किडनी - भूलकर भी खड़े होकर गिलास का पानी ना पिये।
15. गिलास एक रेखीय होता है तथा इसका सर्फेसटेन्स अधिक होता है। गिलास अंग्रेजो ( पुर्तगाल) की सभ्यता से आयी है अतः लोटे का पानी पियें, लोटे का कम सर्फेसटेन्स होता है।
16. अस्थमा, मधुमेह, कैंसर से गहरे रंग की वनस्पतियाँ बचाती हैं।
17. वास्तु के अनुसार जिस घर में जितना खुला स्थान होगा उस घर के लोगों का दिमाग व हृदय भी उतना ही खुला होगा।
18. परम्परायें वहीँ विकसित होगीं जहाँ जलवायु के अनुसार व्यवस्थायें विकसित होगीं।
19. पथरी - अर्जुन की छाल से पथरी की समस्यायें ना के बराबर है।
20. RO का पानी कभी ना पियें यह गुणवत्ता को स्थिर नहीं रखता। कुएँ का पानी पियें। बारिस का पानी सबसे अच्छा, पानी की सफाई के लिए सहिजन की फली सबसे बेहतर है।
21. सोकर उठते समय हमेशा दायीं करवट से उठें या जिधर का स्वर चल रहा हो उधर करवट लेकर उठें।
22. पेट के बल सोने से हर्निया, प्रोस्टेट, एपेंडिक्स की समस्या आती है।
23. भोजन के लिए पूर्व दिशा, पढाई के लिए उत्तर दिशा बेहतर है।
24. HDL बढ़ने से मोटापा कम होगा LDL व VLDL कम होगा।
25. गैस की समस्या होने पर भोजन में अजवाइन मिलाना शुरू कर दें।
26. चीनी के अन्दर सल्फर होता जो कि पटाखों में प्रयोग होता है, यह शरीर में जाने के बाद बाहर नहीं निकलता है। चीनी खाने से पित्त बढ़ता है।
27. शुक्रोज हजम नहीं होता है फ्रेक्टोज हजम होता है और भगवान् की हर मीठी चीज में फ्रेक्टोज है।
28. वात के असर में नींद कम आती है।
29. कफ के प्रभाव में व्यक्ति प्रेम अधिक करता है।
30. कफ के असर में पढाई कम होती है।
31. पित्त के असर में पढाई अधिक होती है।
33. आँखों के रोग - कैट्रेक्टस, मोतियाविन्द, ग्लूकोमा, आँखों का लाल होना आदि ज्यादातर रोग कफ के कारण होता है।
34. शाम को वात-नाशक चीजें खानी चाहिए।
35. प्रातः 4 बजे जाग जाना चाहिए।
36. सोते समय रक्त दवाव सामान्य या सामान्य से कम होता है।
37. व्यायाम - वात रोगियों के लिए मालिश के बाद व्यायाम, पित्त वालों को व्यायाम के बाद मालिश करनी चाहिए। कफ के लोगों को स्नान के बाद मालिश करनी चाहिए।
38. भारत की जलवायु वात प्रकृति की है, दौड़ की बजाय सूर्य नमस्कार करना चाहिए।
39. जो माताएं घरेलू कार्य करती हैं उनके लिए व्यायाम जरुरी नहीं।
40. निद्रा से पित्त शांत होता है, मालिश से वायु शांति होती है, उल्टी से कफ शांत होता है तथा उपवास ( लंघन ) से बुखार शांत होता है।
41. भारी वस्तुयें शरीर का रक्तदाब बढाती है, क्योंकि उनका गुरुत्व अधिक होता है।
42. दुनियां के महान वैज्ञानिक का स्कूली शिक्षा का सफ़र अच्छा नहीं रहा, चाहे वह 8 वीं फेल न्यूटन हों या 9 वीं फेल आइस्टीन हों।
43. माँस खाने वालों के शरीर से अम्ल-स्राव करने वाली ग्रंथियाँ प्रभावित होती हैं।
44. तेल हमेशा गाढ़ा खाना चाहिएं सिर्फ लकडी वाली घाणी का, दूध हमेशा पतला पीना चाहिए।
45. छिलके वाली दाल-सब्जियों से कोलेस्ट्रोल हमेशा घटता है।
46. कोलेस्ट्रोल की बढ़ी हुई स्थिति में इन्सुलिन खून में नहीं जा पाता है। ब्लड शुगर का सम्बन्ध ग्लूकोस के साथ नहीं अपितु कोलेस्ट्रोल के साथ है।
47. मिर्गी दौरे में अमोनिया या चूने की गंध सूँघानी चाहिए।
48. सिरदर्द में एक चुटकी नौसादर व अदरक का रस रोगी को सुंघायें।
49. भोजन के पहले मीठा खाने से बाद में खट्टा खाने से शुगर नहीं होता है।
50. भोजन के आधे घंटे पहले सलाद खाएं उसके बाद भोजन करें।
|
|