बारह राशि और उनके शुभ रत्न और रुद्राक्ष और बारह राशियों का स्वभाव
Jyotishacharya . Dr Umashankar Mishra. 9415087711--9235722996
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मेष राशि
स्वामी – मंगल
अराध्य देव – श्री गणेशजी
तत्व – अग्नि
नाम के पहले अक्षर – अ, ल, इ
शुभ रत्न – मूंगा
शुभ रुद्राक्ष – तीन मुखी
मेष राशि के जातक जन्म से ही नेतृत्व में निपुण होते है. प्रायः ऊर्जा और अति- उत्साह से सभर रहते है. हालाँकि स्वच्छ प्रकृति के मगर अधिक आत्म केंद्रित रहते है. किसी भी कार्य को योजनापूर्वक करने में माहिर हैं. संघर्ष से उचित पद, इज्जत और नाम कमाते है. किसी को अपने पक्ष में खींचने में निपुण है. जो लोग आपके अनुसार कार्य नहीं करते उनके प्रति आपकी धारणा नकारात्मक रहती है. किन्तु मेष राशि के जातक जिन पर प्रसन्न हो जाते हैं उन पर जान भी न्योछावर कर देते हैं.
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वृषभ राशि
स्वामी – शुक्र
अIराध्य देव – कुलस्वामिनी
तत्व – पृथ्वी
नाम के पहले अक्षर – ब, व और ऊ
शुभ रत्न – हीरा
शुभ रुद्राक्ष – छह मुखी रुद्राक्ष
वृषभ राशि के जातकों का स्वभाव गंभीर, स्थिर और व्यव्हार कुशल रहताहै. सौंदर्य से प्रेम करने वाले और शिष्टप्रिय होते है. पुराने विचारों में मानते है. धन और नाम हासिल करते हैं. अपने पुराने विचारों की वजह से लोगों से उंच नीच रहती है. प्रभावपूर्ण वाणी आपकी विेषेषता है. सफलता प्राप्त करने के बाद भी लोगों को साथ में रख कर चलना आपकी आदत है. आप भावुक और ह्रदय से सच्चे है. तत्काल लाभ की अभिलाष रखते हैं मगर उपेक्षा के पात्र बनते है.
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मिथुन राशि
स्वामी – बुध
अIराध्य देव – कुबेर
तत्व – हवा
नाम के पहले अक्षर – क, छ, घ
शुभ रत्न – पन्ना
शुभ रुद्राक्ष – चार मुखी रुद्राक्ष
मिथुन राशि के जातकों में दुसरो की प्रकृति तथा व्यवहार को तीव्रता से समझ लेते हैं. मिलनसार स्वभाव की वजह से बहुत मित्र होते हैं. किसी भी कठिन बात को बुद्धिपूर्वक आसानी से बोल लेते हैं. आकर्षक और मनोरंजक व्यक्तित्व इनकी विशेषता हैं.
किन्तु अंद्रोनी तौर पर शुभ आचार विचार वाले और एकाग्र होते हैं. किन्तु बुरी सांगत को ले कर अपनी प्रतिभा को नुक्सान करते हैं. साथ ही कुछ मित्रों की संगत से मदद भी मिलती हैं. मिथुन राशि के जातक अधिकतम उदार दिल, बलशाली, चतुर तथा भोग विलास में रस रखनेवाले होते हैं.
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कर्क राशि
स्वामी – चन्द्रमा
अIराध्य देव – शंकर भगवान
तत्व – जल
नाम के पहले अक्षर – ड, ह
शुभ रत्न – मोती
शुभ रुद्राक्ष – दो मुखी रुद्राक्ष
इस राशि के लोग सौन्दर्यवान और घर परिवार से अत्यधिक मोह रखने वाले होते हैं. भावनात्मक रूप से अपने आप को सुरक्षित रहना चाहते है. इसी वजह से अपनी भावनाओं को सही मायने में प्रस्तुत करने से डरते है.
यह राशि वाले रिश्तों और परिवार में रचे रहते हैं. प्रकृति से लोगों को सुरक्षा देने वाले और अन्य लोगो को पालन पोषण देते हैं. जज्जबाती और देशभक्त तथा मातृभक्त रहते हैं. इनकी प्रकृति लोगों की समझ में जल्द नहीं आती. ऊपर से भावनाहीन मगर अंदर से मोम जैसा व्यक्तित्व और प्रेमी स्वभाव रहता हैं.
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सिंह राशि
स्वामी – सूर्य
अIराध्य देव – सूर्य भगवान
तत्व – अग्नि
नाम के पहले अक्षर – म, ट
शुभ रत्न – माणिक्य
शुभ रुद्राक्ष – एक मुखी रुद्राक्ष
सिंह राशि के जातक किसी के सामने झुकना पसंद नहीं करते. स्वभाव से उत्साही, निर्भयी, क्रोधी, वीर, स्वतन्त्र और कठिन परिस्थितियों में भी विचलित न होने वाले व्यक्ति होते हैं. सन्तोषपूर्ण होने के कारन आर्थिक उन्नति नहीं कर पाते. अकेले रहना अधिक पसंद करते हैं जिसकी वजह से जीवन में कठिनाइयां रहती है. सिंह राशि के जातक अधिकतम अपने शोख़ को अपना पेश बनाते हैं. ह्रदय से आप दूसरों का भला हमेशा चाहते हैं मगर आपका अहंकार आपको दुसरो से जोड़ने में रुकावटें पैदा करता हैं. जन्म से ही आप संचालन और नेतृत्व की शक्तियां रखते हैं.
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कन्या राशि
स्वामी – बुध
अIराध्य देव – कुबेर
तत्व – पृथ्वी
नाम के पहले अक्षर – प, ठ, ण
शुभ रत्न – पन्ना
शुभ रुद्राक्ष – चार मुखी रुद्राक्ष
कन्या राशि के जातक स्वभाव से अधिक दृढ़ निश्चयी और कुछ अंश तक जिद्दी भी होते हों. एक बार जो सोच लेते है उसे पूरा कर के ही दम लेते हैं. सञ्चालन में कुशल, कलाओं में निपुण और धनी रहते हैं. वाणी में मधुरता, बुद्धिमता, विचारशीलता और व्यवहारिकता इनकी खासियतें हैं. स्वच्छता के अति आग्रही और हर कार्य को व्यवस्थापूर्ण करना चाहते हैं. मेहनती और सफलता को तीव्रता से पाने वाले व्यक्ति हैं. किन्तु सांसारिक जीवन में भाग्यशाली नहीं होते. ह्रदय से रोमांटिक रहते हैं किन्तु भावनाओं को प्रदर्शित करने में विश्वास नहीं रखते. इसकी वजह से प्रेम सम्बन्धो और वैवाहिक सम्बन्धो में सफलता नहीं मिलते.
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तुला राशि
स्वामी – शुक्र
अIराध्य देव – कुल स्वामिनी
तत्व – वायु
नाम के पहले अक्षर – र, त
शुभ रत्न – पन्ना
शुभ रुद्राक्ष – छह मुखी रुद्राक्ष
तुला राशि के जातक जन्मजात कुशल राजनीतिज्ञ, विचारशील और चतुर होते हैं. स्वभाव संतुलित रहता है और हर वस्तु को सम्पूर्ण समीक्षा और परिक्षण के बाद समझते हैं. आज्ञा के पालक रहते हैं. सौंदर्य और सुघड़ता को बहुत पसंद करते हैं. दूरदर्शिता से भरपूर आपका स्वभाव कार्य क्षेत्र में अच्छी तरक्की करवाता हैं.
वाणी और स्वभाव आनंदित रहने की वजह से लोगों में प्रिय बने रहते हैं. सभी राशियों में अत्यधिक आकर्षण पैदा करने वाला व्यक्तित्व रखते हैं. किन्तु कुछ परिस्थितियों में अत्यधिक हताश हो जाते हैं. निर्णय लेने से पहले आयाम और अंजाम के विषय में अत्यधिक सोचते हैं.
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वृश्चिक राशि
स्वामी – मंगल
अIराध्य देव – गणेशजी
तत्व – जल
नाम के पहले अक्षर – न, य
शुभ रत्न – माणिक्य
शुभ रुद्राक्ष – तीन मुखी रुद्राक्ष
वृश्चिक राशि के जातक तीक्ष्ण बुद्धि के मालिक होते है. बोले हुए वचन को दृढ़ता से पालनेवाले, थोड़े घमंडी, किसी भी विषय का बारीकी से निरिक्षण करने में निपुण और महत्वकांशी रहते हैं. धार्मिक विचार रखते हैं और हर कार्य को कुशलतापूर्वक करते हैं. अन्य लोगो के स्वभाव, शक्तियों और कमजोरियों को तीव्रता से समझने का गुण रखते हैं. मित्र बनाने के शौकीन और प्रशंसा पाने के अभिलाषी रहते हैं. इनकी दोस्ती जितनी लाभदायी रहती है उतनी ही इनकी दुश्मनी कष्टदायक रहती हैं. मन में जो विचार है उसे प्रस्तुत करने में हिचकिचाते नहीं. स्वभाव से ईर्ष्यालु भी रहते हैं.
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धनु राशि
स्वामी – बृहस्पति
अIराध्य देव – दत्तोत्रय
तत्व – अग्नि
नाम के पहले अक्षर – भ, ध, फ, ढ
शुभ रत्न – पुखराज
शुभ रुद्राक्ष – पांच मुखी रुद्राक्ष
धनु राशि के लोग शांतिप्रिय, स्पष्टवक्ता, सत्य के आग्रही, मिलनसार, निडर, वफादार और जिज्ञासु रहते हैं. सत्य और ज्ञान की खोज आपकी प्रकृति है. नेतृत्व का कौशल रखते हैं. मौज शौख के शौकीन होते है और जहाँ जाते हैं लोगों के आकर्षण का केंद्र बनते हैं. अपने कौशल्य और स्वभाव से इन्हे दूसरों पर अधिकार जाताना काफी अच्छा लगता है. शौकीन और दूसरों का ख्याल रखने की प्रकृति निजी सम्बन्धो में सफलता दिलाती है. ह्रदय से बहुत दयालु और मदद करने की भावना रखते हैं.
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मकर राशि
स्वामी – शनि
अIराध्य देव – शनिदेव, हनुमानजी
तत्व – पृथ्वी
नाम के पहले अक्षर – ख, ज
शुभ रत्न – नीलम
शुभ रुद्राक्ष – सात मुखी रुद्राक्ष
मकर राशि वाले धनि और सुन्दर होते हैं. कार्य को अपना जीवन मानते हैं और कार्यस्थल पर समय व्यतीत करना अधिक पसंद करते हैं. मौज शौख में काम रूचि रहती है. इस राशि के लोग दोहरे विचार रखते हैं. अपने लक्ष्य के प्रति सम्पूर्ण सम्भान और प्रयत्नशील रहते हैं. रहस्यों और आध्यात्मिक बातों में रूचि रखते हैं. कार्यों को स्वयं पूरा करने में विश्वास रखते हैं. दूसरों का हस्तक्षेप पसंद नहीं करते. ऊँचे विचार वाले और धन कमाने का अच्छा सामर्थ्य रखते हैं. उपकारों को कभी भूलते नहीं.
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कुम्भ राशि
स्वामी – शनि
अIराध्य देव – शनिदेव, हनुमानजी
तत्व – वायु
नाम के पहले अक्षर – ग, स, श, ष
शुभ रत्न – नीलम
शुभ रुद्राक्ष – सात मुखी रुद्राक्ष
कुम्भ राशि के लोग अधिकतर परोपकारी और प्रेमी स्वभाव के होते है. किसी पर जल्दी मोहित हो जाते है. परोपकारी होने पर भी किसी के विरुद्ध षड़यंत्र रच सकते है. ह्रदय की बातों को छुपाने में माहिर होते है. कला, संगीत, शिल्प और साहित्य में रूचि रखने वाले हैं. भावनाओं और बातों को गुप्त रखने की वजह से मानसिक और शारीरिक रूप से कष्ट उठाते है. सौंदर्य के पुजारी होते है और आगे बढ़ने की इच्छा हमेशा रखते हैं. जो भी कार्य करते है उसे पुरे दिल से संपन्न करते हैं. किन्तु तीव्र क्रोध आपका सबसे बड़ा अवगुण है.
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मीन राशि
स्वामी – बृहस्पति
अIराध्य देव – दत्तोत्रय
तत्व – जल
नाम के पहले अक्षर – द, च, थ, झ
शुभ रत्न – पुखराज
शुभ रुद्राक्ष – पांच मुखी रुद्राक्ष
मीन राशि के लोग अत्यंत शांत, सौम्य, करुणामय स्वभाव के और आकर्षक व्यक्तित्य के मालिक हैं. अपनी हर गलती पर माफ़ी मांग लेते हैं. अध्यात्म और ईश्वर भक्ति में लीन रहते हैं. गंभीर और दोहरे स्वभाव के बावजूद भी आपके विचार हमेशा सरल और अच्छे रहते हैं. दूसरों के बारे में इतना अधिक सोचते हैं की दुसरो के दर्द को स्वयं बर्दाश्त कर लेते है. अन्य के लिए अपने खुशियों को त्यागना पसंद करते हैं. गलत और सही के बीच में निर्णय लेने में हमेशा मानसिक रूप से त्रस्त रहते हैं. किन्तु सहानुभूति, बेफिक्र और उदार स्वभाव की वजह से लोगों में प्रिय रहते हैं.
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