सिद्धिविनायक गणेश जी महाराज की जय हो 5 जून से 5 जुलाई अर्थात 1 महीने में तीन बार ग्रहण पड़ा है अतः गणेश जी को सिंदूर चढ़ावे बूंदी के लड्डू चढ़ावे गणेश जी की स्तुति करें सब ठीक रहेगा सब ठीक होगा ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र 94150 87 711 जानें क्‍यों चढ़ाते हैं गणपति को सिन्‍दूर और कैसे ये बचाता है संकटों से बाधाओं से astroexpertsolution.com क्‍या आप जानते हैं कि प्रथम पूज्‍य श्री गणेश जी को सिन्‍दूर क्‍यों चढ़ाया जाता है? या फिर किस तरह गणपति महाराज इससे प्रसन्‍न होकर व्‍यक्ति के जीवन को बुरी नजर से बचाते हैं? जी हां सिन्‍दूर मंगल का प्रतीक होता है। यही वजह है कि श्री विघ्‍नहर्ता को यह अत्‍यंत प्रिय है, लेकिन क्‍यों और क्‍या वजह है सिन्‍दूर के प्रिय होने की आइए जानते हैं *ज्योतिषाचार्य* *डॉ* *उमाशंकर* *मिश्रा* * से शिवपुराण में लिखी है यह बात गणपति को सिन्‍दूर लेपन के विषय में शिवपुराण में एक श्‍लोक मिलता है। इसके मुताबिक ‘आनने तव सिन्‍दूरं दृश्‍यते साम्‍प्रतं यदि। तस्‍मात् त्‍वं पूजनीयोअसि सिन्‍दूरेण सदा नरै:।।’ अर्थात् जब भोलेनाथ ने जी गणेश जी का सिर काट दिया और हाथी का सिर लगाया तब उसमें पहले से ही सिंदूर का लेपन हो रहा था। मां पार्वती ने जी जब उस सिंदूर को देखा तो उन्‍होंने गणपति जी से कहा कि उनके मुख पर जिस सिन्‍दूर का विलेपन हो रहा है, मनुष्‍य उसी सिन्‍दूर से सदैव उनकी पूजा करेंगे। इस तरह से श्री विघ्‍नहर्ता को सिन्‍दूर का विलेपन किया जाता है। गणेश पुराण में भी मिलता है जिक्र शिव पुराण के अलावा गणेश पुराण में भी सिन्‍दूर विलेपन की कथा मिलती है। इसके मुताबिक ‘ ममर्द सिन्‍दुरं तं स कराभ्‍यां बलवत्‍तरम्। ततस्‍तदसृजांगानि विलिलिम्‍पारुणेन स:।। तत: सिन्‍दूरवदन: सिन्‍दूरप्रिय एव च। अभवज्‍जगतिख्‍यातो भक्‍तकामप्रपपूरक:।।’ इस श्‍लोक के मुताबिक बाल्‍यकाल में श्री गणेश जी महाराज ने सिन्‍दूर नाम दैत्‍य का मर्दन अपने हाथों से किया। इसके बाद उसके रक्‍त को अपने शरीर पर लगा लिया। कहा जाता है कि तब से श्री गणपति को सिन्‍दूरवदन और सिन्‍दूरप्रिय के नाम से भी संबोधित किया जाना लगा। यही नहीं भक्‍त गणेश जी महाराज का पूजन भी सिन्‍दूर से करने लगे। बुरी शक्तियों का होता है पलायन सिन्‍दूर को मंगल का प्रतीक माना जाता है। यही वजह है कि पूजा-पाठ में विशेष रूप से सिन्‍दूर का प्रयोग किया जाता है। मान्‍यता है कि गणपति को सिन्‍दूर चढ़ाने से व्‍यक्ति को किसी की बुरी नजर नहीं लगती। इसके अलावा उसे परेशानियों से भी मुक्ति मिलती है। कहा जाता है कि बुधवार के दिन यदि गणेश जी को सिन्‍दूर चढ़ाया जाए तो वह जल्‍दी ही प्रसन्‍न होते हैं और भक्‍त की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं। *ज्योतिषाचार्य* *डॉ* *उमाशंकर* *मिश्रा* सिद्धिविनायक ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र विभव खंड 2 गोमती नगर एवं वेदराज कांप्लेक्स पुराना आरटीओ चौराहा लाटूश रोड लखनऊ 94150 8 77 11 9235 722 996 astroexpertsolution.com