पितृदोष क्यों होता है और उसके क्या संकेत होते हैं???
Jyotishacharya . Dr Umashankar mishr--9415087711--9235722996
कुण्डली में सूर्य एवं गुरु ग्रह पिता एवं गुरुजन का प्रतिनिधितव करते है . ऐसे में इन ग्रह के पीड़ित होने पर कुण्डली में पितृ दोष उत्पन्न होता है.
किसी भी व्यक्ति की कुण्डली में राहु, सूर्य और गुरु ग्रहों की युति , दृष्टी एवं राशि परिवर्तन पितृ दोष उत्पन्न करते है ।पितृ दोष होने से निम्नलिखित संकेत होने लगते हैं...
१) कार्य में असफलता
२) संतान उत्पति में बाधा / संतान हानि
३) विवाह न होना या विलम्ब विवाह
४) नौकरी एवं व्यापार में हानि
५) अपनी सम्पति न बनना
६) सरकारी पक्ष द्वारा परेशानी
७) स्वप्न में पितर आना
८)घर में पीपल का बृक्ष उगना
९)शिक्षा में बाधा
१०)दुर्घटना होना
११)गृह कलेश
१२)अपार दुःख
१३चार्ज शीट या पदावनती
१४)ऋण ख़त्म नहीं होना
पित्रदोष की शांति के लिए त्रिपिंडी श्राद्ध अवश्य करावे
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