रोग निवारण के अनुभूत तंत्र प्रयोग
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जिस घर में जब कोई रोग आ जाता है तो उस रोगी के साथ साथ उस घर के सभी व्यक्ति भी मानसिक रूप से चिंता और आशांति का अनुभव करने लगते है , लेकिन कुछ छोटी छोटी बातो को ध्यान में रखकर हम हालत पर काबू पा सकते है , शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते है ।
1.यदि आपके परिवार में कोई व्यक्ति बीमार है तो अगर संभव हो तो उसे सोमवार को डॉक्टर को दिखाएँ और उसकी दवा की पहली खुराक भगवान शिव को अर्पित करके कुछ राशी भी चड़ा दें और रोगी व्यक्ति के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करें , व्यक्ति के बहुत जल्दी ही ठीक हो जाने की सम्भावना बन जाती है ।
2.हर पूर्णिमा को किसी भी शिव मंदिर में भगवान भोलेनाथ से अपने परिवार को निरोग रखने की प्रार्थना रखें ,तत्पश्चात मंदिर में और गरीबों में कुछ ना कुछ फल,मिठाई और नगद दान अवश्य दें ।
3.रोगी व्यक्ति को मंगलवार और शनिवार किसी भी दिन हनुमान जी की मूर्ति से सिंदूर लेकर उसके माथे पर लगाने से उसका दिल मजबूत होता है और रोगी जल्दी स्वस्थ भी होता है ।
4.यदि कोई बीमार व्यक्ति प्रात: काल एक गिलास पानी लेकर पूर्व दिशा की ओर मुंह करके खड़े होकर ऐं मन्त्र का 21 बार जाप करके पी जाय एवं ईश्वर से अपने रोग को दूर करने के लिए प्रार्थना करें तो शीघ्र ही स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है। यह प्रयोग सोमवार से शुरू करके रविवार तक लगातार 7 दिन तक करना चाहिए ।
5.अशोक के वृक्ष की ताजा तीन पत्तियों को प्रतिदिन प्रातः चबाने से चिंताओं से मुक्ति मिलती है और स्वास्थ्य भी उत्तम बना रहता है ।
6.यदि किसी बीमार व्यक्ति का रोग ठीक ना हो रहा हो तो उसके तकिये के नीचे सहदेई और पीपल की जड़ रखने से बीमारी जल्दी ठीक होती है ।
7.यदि किसी रोगी को मृत्युतुल्य पीड़ा हो रही हो , तो जौ के आटे ( बाजार में यह आसानी से उपलब्ध है ) में काले तिल और सरसों का तेल मिला कर रोटी बना कर रोगी के ऊपर से 7 बार उतार कर किसी भैंसे को खिलाएं त्वरित लाभ मिलता है ।
8.सूर्य जब भी मेष राशी में ( 13 से 15 अप्रैल ) में प्रवेश करें तो प्रात: काल नीम की ताजी कपोलें गुड़ व मसूर के साथ पीस कर खाने से वर्ष भर रोग दूर रहते है , यह घर के सभी छोटे बड़े व्यक्तियों को खाना चाहिए ।
9.यदि कोई व्यक्ति लम्बे समय से बीमार है तो उसे घर के दक्षिण पश्चिम कोने ( नैत्रत्य कोण ) के कमरे में दक्षिण दिशा में सर रखकर सुलाएं , उनकी दवाएं और जल कमरे में रखे।
जय माँ काली
जय कालभैरव 🚩🚩🚩
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