23 मई को विश्व कछुआ दिवस : जानिए फेंगशुई में कछुए का महत्व और वास्तु दोष निवारण के 8 कारगर उपाय 🐢🐢🐢🐢🐢🐢🐢🐢🐢🐢🐢🐢🐢🐢🐢🐢🐢🐢🐢🐢🐢🐢🐢🐢 *ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव* astroexpertsolution.com 23 मई को दुनिया भर में विश्व कछुआ दिवस मनाया जाता है। सन् 1990 में कछुओं की प्रजातियों को बचाने और उसकी रक्षा हेतु गैरलाभकारी संगठन अमेरिकन टॉर्ट्वायज रेस्क्यू (एटीआर) की स्थापना की गई थी। इसकी स्थापना विश्व भर में मौजूद कछुओं की रक्षा करने के लिए लोगों की मदद करने के उद्देश्य से की गई थी। ज्योतिष शास्त्र और वास्तु फेंगशुई के अनुसार वास्तु दोष निवारण के लिए कछुए को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। फेंगुशई से वास्तु दोष निवारण में दूसरा नंबर कछुआ का आता है। अगर आपके घर में किसी तरह की कोई परेशानी, स्वास्थ्य समस्या या फिर घर में बरकत न होने से आप परेशान हैं तो कछुए के उपयोग से वास्तु दोष का निवारण किया जा सकता है। आइए जानें - 1. फेंगशुई के सिद्धांतों को अपना कर जीवन को सुख-समृद्धि से परिपूर्ण बनाया जा सकता है। सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है और लक्ष्मी को भी सदा के लिए अपने घर में स्‍थायित्व दिया जा सकता है। 2. ऐसे में आपके घर में अगर कछुआ उपस्थित है तो समझिए कि आपकी बीमारी और शत्रुओं से छुट्टी हो गई है। 3. अगर आप अपना करियर या व्यवसाय में बढ़ोतरी करना चाहते हैं तो धातु से निर्मित कछुआ लेकर उसे पानी भरे जार या बर्तन में रखकर उत्तर दिशा में रख दें। इससे आपका व्यापार चल निकलेगा और नौकरी में भी उन्नति होगी। 4. कछुआ लंबी उम्र का प्रतीक है। अगर आपके घर में कछुआ रखा है तो यह आपको लंबी उम्र प्रदान करेगा। 5. पानी से भरे हुए एक छोटे से कटोरे में धातु के बने कछुए के प्रतिरूप (मॉडल) डालिए और उसे अपने घर के उत्तरी क्षेत्र में रखिए। इससे आपकी आयु बढ़ेगी तथा जीवन में प्रगति के अधिक अवसर मिलेंगे। 6. अगर आप कछुआ को शयनकक्ष में रखने की सोच रहे हैं तो उसे बिना पानी में रखे भी रखा जा सकता है। 7. फेंगशुई के अनुसार कछुआ आयु को बढ़ाने वाला तथा जीवन में प्रगति के सुअवसर में वृद्धि करने वाला है। कई बार घर की जमीन में भूमि दोष पाया जाता है इस वजह से क्लेश और तनाव होते हैं। यदि आपके घर में भी यह भूमि दोष है तो एक मिट्‍टी का कछुआ लेकर उसका पूजन करें। पूजन के लिए भूमि पर लाल वस्त्र बिछा लेँ। फिर गंगाजल से कछुआ पर छींटे मार कर कुमकुम से तिलक करें। पंचोपचार पूजा करें अर्थात् धूप, दीप, जल, वस्त्र और फल अर्पित करें। चने का प्रसाद बनाए व बांटें। पूर्व दिशा की तरफ मुख रखकर मंत्र- 'ॐ आधार पुरुषाय जाग्रय-जाग्रय तर्पयामि स्वाहा' की 7 माला मंत्र जाप करें। एक माला पूरी होने पर एक बार कछुए पर फिर पानी छिड़कें। संध्या के समय भूमि में तीन फिट गढ्ढा कर मिट्टी के सकोरे में रखकर गाड़ दें। हो सके तो कछुए का रंगरोगन करें। इस उपाय से समस्त भूमि दोष दूर होंगे। 8. इंटी‍रियर डेकोरेशन की दु‍निया में ड्रेगन मुंह वाला कछुआ भी सौभाग्य का प्रतीक माना गया है। अतः इसे शयनकक्ष में न रखते हुए बैठक हॉल में रखना चाहिए। पूर्व या उत्तर दिशा में रखा जाए तो इसके बहुत ही बेहतर परिणाम मिलते है। *ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव* astroexpertsolution.com