नवरात्रि में कैसे करें कलश स्थापना? जानें शुभ मुहूर्त और नियम
ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र राष्ट्रीय प्रवक्ता विश्व हिंदू महासभा 92357 22996 नवरात्रि त्योहार का हिंदू धर्म में काफी महत्व है. ये त्योहार देश के कोने-कोने में मनाया जाता है. इस पर्व में पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दौरान लोग 9 दिनों तक उपवास भी रखते हैं. नवरात्रि में नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के पहले दिन ही कलश स्थापना की जाती है. आइए जानते हैं कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और इससे जुड़े कुछ नियम. कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त नवरात्रिl29 सितंबर से शुरू होगी और इसी दिन कलश की स्थापना की जाएगी. मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए कलश की स्थापना हमेशा उचित मुहूर्त में ही करनी चाहिए. इस बार नवरात्रि पर कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 5:30 प्रातः समय से दोपहर 12:30 तक विशिष्ट मुहूर्त है प्रतिपदा तिथि में कलश स्थापना कभी भी की जा सकती है दिन रात्रि में कभी भी किंतु प्रातः काल ज्यादा महत्वपूर्ण मुहूर्त होता है नवरात्रि में ऐसे करें कलश स्थापना नवरात्रि में नौ दिनों तक देवी मां की आराधना करने से मां अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है. घट स्थापना का मतलब है कलश की स्थापना करना. कलश स्थापना करते समय नदी की रेत का उपयोग करें. इस रेत में जौ भी डालें. इसके बाद कलश में गंगाजल, लौंग, इलायची, पान, सुपारी, रोली, कलावा, चंदन, अक्षत, हल्दी, रुपया, पुष्पादि डालें. फिर 'ॐ भूम्यै नमः' कहते हुए कलश को सात अनाजों के साथ रेत के ऊपर स्थापित करें. कलश की जगह पर नौ दिन तक अखंड दीप जलते रहना चाहिए. कलश स्थापना से जुड़े खास नियम -कलश स्थापना हमेशा शुभ मुहूर्त में करें. -कलश स्थापना करने के लिए पूजन स्थल से अलग एक पाटे पर लाल व सफेद कपड़ा बिछाएं. इस पर अक्षत से अष्टदल बनाकर इस पर जल से भरा कलश स्थापित करें. -कलश का मुंह खुला ना रखें, उसे किसी चीज से ढक देना चाहिए. कलश को किसी ढक्कन से ढका है, तो उसे चावलों से भर दें और उसके बीचों-बीच एक नारियल भी रखें. -अगर कलश की स्थापना कर रहे हैं, तो दोनों समय मंत्रों का जाप करें, चालीसा या सप्तशती का पाठ करना चाहिए. -पूजा करने के बाद मां को दोनों समय भोग लगाएं, सबसे सरल और उत्तम भोग हैं लौंग और बताशा. -मां के लिए लाल फूल सर्वोत्तम होता है, पर मां को आक, मदार, दूब और तुलसी बिल्कुल ना चढ़ाएं. -नवरात्रि के दौरान पूरे नौ दिन तक अपना खान-पान और आहार सात्विक रखें. ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र सिद्धिविनायक ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र विभव खंड गोमती नगर एवं vedraj complex पुराना आरटीओ चौराहा लाटूश रोड लखनऊ 9415 08 77 11 astroexpertsolutions. com
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